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सूर्य कुंड अयोध्या का इतिहास
सूर्यकुंड अयोध्या में स्थित एक प्राचीन कुंड है। माना जाता है कि यह कुंड भगवान सूर्य को समर्पित है। सूर्यकुंड का उल्लेख रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। राम चरित मनास में लिखा है
मास दिवस को दिवस भयो मरम न जानइ कोइ।
रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ |
इस चौपाई से यह पता चलता है जब प्रभु श्री राम जी का जन्म हुआ था तब सभी देवता अयोध्या भगवन के दर्शन के लिए पधारे थे साथ में सूर्य देव भी अयोध्या पधारे तभी अयोध्या में १ महीने तक दिन था |
अयोध्या से सूर्य कुंड की दुरी
सूर्यकुंड अयोध्या शहर से कुछ दुरी पर दर्शन नगर में मौजूद है। यह राम जन्मभूमि मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर है। सूर्यकुंड के आसपास कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल भी हैं। मंदिर का द्वार पूरब को है और सूर्य कुंड में 12 घाट है I इस स्थान पर आने के लिए आप ऑटो रिक्शा बुक करके आ सकते है |
सूर्य कुंड महत्व
सूर्यकुंड अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। माना जाता है कि सूर्यकुंड में स्नान करने से त्वचा रोगों से मुक्ति मिलती है। सूर्यकुंड में सूर्य देव की एक मूर्ति भी स्थापित है। इस स्थान पैर कई अन्य मंदिर भी स्थपित है जैसे सनी देव का भी मंदिर यह पर स्थापित है |
सूर्य कुंड में होने वाले त्यौहार
सूर्यकुंड में हर साल कई त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण त्योहार सूर्य जयंती है। सूर्य जयंती के अवसर पर सूर्यकुंड में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है।
पर्यटन
सूर्यकुंड अयोध्या के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक सूर्यकुंड का दर्शन करने आते हैं। प्रभु श्री राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से यह पर पर्यटकों की संख्या बढ़ी है | पर्यटकों की सुविधा के लिए सरकार ने इस कुंड का जीर्णोद्धार करवाया |
सूर्य कुंड की महानता
सूर्यकुंड अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि सूर्यकुंड में स्नान करने से त्वचा रोगों से मुक्ति मिलती है। सूर्यकुंड में सूर्य देव की एक मूर्ति भी स्थापित है।